Duration 2:18

Bhagwat - Geeta Adhyay 15 - 13 | Purushottam Yog | Sanskrit Pronunciation

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Published 25 Apr 2020

Purushottam Yog Adhyay मैं ही प्रत्येक लोक में प्रवेश करके अपनी शक्ति से सभी प्राणीयों को धारण करता हूँ और मैं ही चन्द्रमा के रूप से वनस्पतियों में जीवन-रस बनकर समस्त प्राणीयों का पोषण करता हूँ৷

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