मगहर यानी कबीर के निर्वाण की धरती. कबीर जो पांच सदी बाद भी अपनी कहन की सादगी के साथ ही समाज की बेहतरी के ख़्वाहिशमंद संत के तौर पर बेशुमार दिलों में बसते हैं. कबीर जयंती पर मगहर के कबीर चौरा में उनकी समाधि और मज़ार पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने फूल चढ़ाए. एक सादा समारोह में कबीर बानी का पाठ हुआ. दोपहर को बारिश होने के बावजूद शाम तक लोगों का आना-जाना लगा रहा.
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